गीत है या दर्द की लकीर ... “सुन दिल्ली! तेरी देहरी से हम हक़ लिए बग़ैर लौटने वाले नहीं। भले गाँव-घर पीछे सूने हैं।” गीत इन दो किशोरियों ...
...गीत है या दर्द की लकीर ...
— Om Thanvi (@omthanvi) January 3, 2021
“सुन दिल्ली! तेरी देहरी से हम हक़ लिए बग़ैर लौटने वाले नहीं। भले गाँव-घर पीछे सूने हैं।”
गीत इन दो किशोरियों ने ही लिखा है, जिन्होंने उसे गाया है। pic.twitter.com/VhDTn4B4k4